1 जुलाई से जीएसटी लागू होने जा रही है.....ऐसे में लोगों के मन में जीएसटी को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं....यहां तक कि जीएसटी के दायरे में जिन 12 11 वस्तुओं को शामिल किया गया है....उनमें कई वस्तुओं से जुडे कारोबारी दरों को लेकर विरोध कर रहे हैं.......कपड़ा व्यवसायी तो टैक्स लगाने के बाद पूरे तौर पर विरोध में है....ऐसे में ताजा़ टीवी अपने विशेष कार्यक्रम जीएसटी एक परिवर्तन के जरीय अलग अलग क्षेत्रों पर जीएसटी के प्रभाव को समझने की कोशिश कर रहा है.....यहां आपको यह भी बताते चलें कि जीएसटी परिषद की 16वीं बैठक में 133 वस्तुओं की दरों को लेकर विरोध पर चर्चा जिनमें 66 वस्तुओं की जीएसटी दरें घटा दी गईं......इस महीने की शुरुआत में परिषद की 15वीं बैठक में श्रीनगर में 1,211 वस्तुओं पर फैसला किया गया था......15वीं बैठक के बाद सोना व बीड़ी सहित छह बाकी बची वस्तुओं पर फैसला लेने के लिए 16वीं बैठक आयोजित हुई.....ताज़ा टीवी पर जारी जीएसटी एक परिवर्तन के कार्यक्रम में हमने अबतक ज्वेलरी, परिवहन और होटल एवं रेस्टूरेंट को लेकर चर्चा की है......आज हम जिस मुद्दे पर चर्चा करने जा रहे हैं...वह प्रिंटिंग प्रस एवं कागज उद्योग.......जानकारी के मुताबिक छपाई को जीएसटी में 5 फीसदी के स्लैब में रखा गया है....हालांकि ऑफिस एक्सेसरीज में प्रिंटर और मॉनिटर महंगे हो जाएंगे....क्योंकि जीएसटी में डॉट मिट्रिक्स तथा आम तौर पर छपाई खानों में काम आने वाले प्लेट आधरित प्रिटरों को 18 प्रतिशत के स्लैब में रखा गया है..... जबकि ऑफिसों में आजकल सामान्यतया इस्तेमाल होने वाले लेजर प्रिंटरों को 28 प्रतिशत की श्रेणी में रखा गया है। इसके अलावा मॉनिटरों को भी 28 प्रतिशत की श्रेणी में रखा गया है। इस कारण कंपनियां प्रिंटिंग के दाम बढ़ाने पर मजबूर हैं......