Sant Shri Asaram Ji Bapu: Uttarayan Special Satsang
Dhyan Yog Shivir, Ahmedabad (Guj.)
16th Jan, 2005
सत्संग के कुछ मुख्य अंश:
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संत चरणदासजी की वाणी है:
(ईश्वर) प्रीति बराबर और न दिखे, वेद पुराण विचारि है...
उस प्रीति के बराबर कोई प्रीति नहीं - स्वर्ग की प्रीति भी तुच्छ है, इंद्र लोक और ब्रह्म लोक तक के सुख को भी वो (ईश्वर प्रीति वाला) तुच्छ मान लेता है....
ऐसा ऊँचा वो धन पा लेता है, भगवत सुख का...
चरणदास शुकदेव कहत है, ता वो आप मोरारी हो...
उनको (चरणदास जी को) शुकदेवजी ने दीक्षा दी थी...
इतनी प्रीति थी शुकदेवजी गुरु के प्रति कि शुकदेवजी प्रकट होकर उनको दीक्षा देने आ गए..
बुल्ला शाह ने कहा:
लख वर्जे (वर्ष) करे इबादत, कदे न बने नमाज़ी,
जे कर प्यार न होया पल्ले, रब न होसे राजी |
लाख वर्ष इबादत करता रहे, फिर भी तू पक्का नमाज़ी नहीं होगा मियाँ...
अगर तेरे पल्ले प्यार नहीं होया, तो रब राजी नहीं हो सकदा सी...
और प्यार होया, तो लख वर्ष की ज़रूरत नहीं, एक वर्ष भी काफी होंदा है बन्दे...
एक महीना भी काफी होंदा है, एक शिविर भी काफी हो जांदी है...
तेन्नु प्रेम पल्ले पया, सच्चे फकीरों दे द्वार, ते एक शिविर भी काफी हो जांदी है प्रा (भाई)...
कबीरजी कहते हैं:
कबीरो कस्तूरी भया, भँवर भये सब दास...
ज्यों ज्यों भक्ति कबीर की, त्यों त्यों राम निवास |
कबीर गुरुकृपा से कस्तूरी हो गए हैं, सारे लोग भँवर हो गये इस गुरु भक्त की कस्तूरी सूँघने वाले...
ये देखो कितने बैठे हैं भँवर (शिविर में)...कस्तूरी की सुवास ले रहे हैं....
वाणी रूपी कस्तूरी की सुवास में, भँवर भये सब दास...
कबीर जी कहते हैं - ज्यों ज्यों मेरी भक्ति होती है, त्यों त्यों राम का निवास होता जाता है...
मेरे व्यवहार में, मेरी नज़र में, मेरी वाणी में, मेरे तन में, मेरे मन में...
सारा जगत मेरे लिये ब्रह्ममय हो गया...
प्रेम पतीहा तब लिखूँ, जब पिया हो परदेस...
तन में, मन में, जन में, वाको क्या सन्देश |
ऐसी स्थिति हो जाती है...
ज्ञानी के लिये भगवान वैकुण्ठवासी नहीं बच सकते...
वो तो कण-कण वासी होके उसके हृदय में प्रकाशित हो जाते हैं...
ज्ञानी के लिये मंत्र जपना कुछ समय का नहीं होता, उसका तो हर ध्वनि मंत्र हो जाता है...
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Ishvar Preeti se badhkar koi dhan aur sukh nahin...
Endearingly called 'Bapu ji'(Asaram Bapu Ji), His Holiness is a Self-Realized Saint from India. Pujya Asaram Bapu ji preaches the existence of One Supreme Conscious in every human being; be it Hindu, Muslim, Christian, Sikh or anyone else. For more information, please visit -
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