स्वास्थ्य और वातावरण के बीच ऐसा संबंध रहता है कि यदि वह गड़बड़ा जाए तो स्वास्थ्य गड़बड़ाने की आशंका बढ़ जाती है। इन दिनों दिल्ली के वातावरण की जो स्थिति है उसमें सावधानी बहुत जरूरी है।
दरअसल लो डेनसिटी (न्यूनतम घनत्व) के कारण प्रदूषण फैलाने वाले कण हवा में तैरते रहते हैं। इस वजह से सर्दियों के मौसम में एलर्जी और दूसरी तरह की परेशानियां बढ़ जाती हैं। बॉडी बर्डन: लाइस्टाइल डिसिजेस रिपोर्ट 2017 के अनुसार दिल्ली के हर तीसरे बच्चे के फेफड़े कमजोर हैं।
बढ़ती जनसंख्या वाले हमारे देश के स्वास्थ्य के लिए यह भयावह स्थिति है। यह गौर करने लायक बात है कि सर्दियां एक खास वक्त के लिए होती है लेकिन इससे उपजी एलर्जी लंबे समय तक शरीर में बनी रहती है।
सागर मंथन- विषय- सर्दी में देखभाल
मुख्य वक्ता- श्री विश्वंभर नेवर, प्रधान संपादक, छपते-छपते समूह
वक्ता- डा. महावीर दारुका, शिशु रोग विशेषज्ञ
डा बलदेव बाहेती, प्राकृतिक चिकित्सक
डा. तापसी बसु, होम्योपैथी डाक्टर
श्री विजय चतुर्वेदी, योग गुरु